दुरुस्त रखिएगा हिसाब किताब ज़रा इसका भी

दुरुस्त रखिएगा हिसाब किताब ज़रा इसका भी

दुरुस्त रखिएगा हिसाब-किताब ज़रा इसका भी,
ज़िन्दगी का न जाने कब "मार्च" आ जाए...!


Durust rakhiega hisaab-kitaab zara isaka bhee,
Zindagee ka na jaane kab "maarch" aa jae...!