दुख़्तर-ए-रज़ ने उठा रक्खी है आफ़त सर पर

दुख़्तर-ए-रज़ ने उठा रक्खी है आफ़त सर पर

दुख़्तर-ए-रज़ ने उठा रक्खी है आफ़त सर पर
ख़ैरियत गुज़री कि अंगूर के बेटा न हुआ

अकबर इलाहाबादी।।


Dukhtar-e-raz ne utha rakkhee hai aafat sar par
khairiyat guzaree ki angoor ke beta na hua

Akabar ilaahaabaadee..