तेरे आने की उम्मीद और भी तड़फाती है

तेरे आने की उम्मीद और भी तड़फाती है

तेरे आने की उम्मीद और भी तड़फाती है

तेरे आने की उम्मीद और भी तड़फाती है,
मेरी खिड़की पे जब शाम उतर आती है...!


Tere aane kee ummeed aur bhee tadaphaatee hai,
Meree khidakee pe jab shaam utar aatee hai...!