तू बेरूख हवा में चाहतों का दिया

तू बेरूख हवा में चाहतों का दिया

तू बेरूख हवा में चाहतों का दिया,
जलाने की ज़िद न कर,
ये क़ातिलों का शहर है,
यहाँ मुस्कुराने की ज़िद न कर।


Tu Berukh Hawa Mein Chahto Ka Diya,
Jalaane Ki Zid Na Kar,
Yeh Qaatilo Ka Shahar Hai,
Yehan Muskurane Ki Zid Na Kar.