तुम्हें तो इल्म है मेरे दिल ए वहशी के ज़ख़्मों को

तुम्हें तो इल्म है मेरे दिल ए वहशी के ज़ख़्मों को

तुम्हें तो इल्म है मेरे दिल-ए-वहशी के ज़ख़्मों को,
तुम्हारा वस्ल मरहम है कभी मिलने चले आओ।


Tumhen to ilm hai mere dil-e-vahashee ke zakhmon ko,
Tumhaara vasl maraham hai kabhee milane chale aao.