तुम्हारे तकब्बुर से भी ज्यादा गुस्ताख़ है लहजा मेरा

तुम्हारे तकब्बुर से भी ज्यादा गुस्ताख़ है लहजा मेरा

तुम्हारे तकब्बुर से भी ज्यादा गुस्ताख़ है लहजा मेरा
चुप हूँ तो चुप रहने दो मजबूर ना करो...!


Tumhaare takabbur se bhee jyaada gustaakh hai lahaja mera
Chup hoon to chup rahane do majaboor na karo...!