तासीर किसी भी दर्द की मीठी नहीं होती ग़ालिब

तासीर किसी भी दर्द की मीठी नहीं होती ग़ालिब

तासीर किसी भी दर्द की मीठी नहीं होती ग़ालिब

तासीर किसी भी दर्द की मीठी नहीं होती ग़ालिब,
वजह यही है की आँसू भी नमकीन होते है।


Taaseer kisee bhee dard kee meethee nahin hotee gaalib,
Vajah yahee hai kee aansoo bhee namakeen hote hai.