ताउम्र चलती है कभी पुरी नहीं होती

ताउम्र चलती है कभी पुरी नहीं होती

ताउम्र चलती है कभी पुरी नहीं होती

ताउम्र चलती है कभी पुरी नहीं होती...
ये महोब्बत है ज़नाब कभी बूढी नही होती...!!


Taumr chalatee hai kabhee puree nahin hotee...
Ye mahobbat hai zanaab kabhee boodhee nahee hotee...!!