तमाशा इससे ज़्यादा क्या मुक़द्दर का यहाँ होगा

तमाशा इससे ज़्यादा क्या मुक़द्दर का यहाँ होगा

तमाशा इससे ज़्यादा क्या मुक़द्दर का यहाँ होगा

तमाशा इससे ज़्यादा क्या मुक़द्दर का यहाँ होगा
हमें उससे मोहब्बत है उसे होती नहीं हमसे......


Tamaasha isase zyaada kya muqaddar ka yahaan hoga
Hamen usase mohabbat hai use hotee nahin hamase......