तबियत अपनी घबराती है सुनसान रातों में

तबियत अपनी घबराती है सुनसान रातों में

तबियत अपनी घबराती है सुनसान रातों में,
हम ऐसे में तेरी यादों की चादर तान लेते हैं।


Tabiyat Apni Ghabrati Hai Sunsaan Raaton Mein,
Hum Aise Mein Teri Yaadon Ki Chadar Taan Lete Hain.