जिन्दगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी

जिन्दगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी

जिन्दगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी

जिन्दगी जला दी हमने जब जैसी जलानी थी,
अब धुऐं पर तमाशा कैसा और राख पर बहस कैसी !!


Jindagee jala dee hamane jab jaisee jalaanee thee,
Ab dhuain par tamaasha kaisa aur raakh par bahas kaisee !!