जाम में अफ़साने ढूंढते हैं हम लोग

जाम में अफ़साने ढूंढते हैं हम लोग

जाम में अफ़साने ढूंढते हैं हम लोग,
लम्हों में ज़माने ढूंढते हैं हम लोग,
तु ज़हर दे दे शराब कह कर सनम,
अब तो मरने के बहाने ढूंढते हैं हम लोग!!


Jaam mein afasaane dhoondhate hain ham log,
Lamhon mein zamaane dhoondhate hain ham log,
Tu zahar de de sharaab kah kar sanam,
Ab to marane ke bahaane dhoondhate hain ham log!!