ज़िन्दगी की जरूरतें समझिए वक्त कम है फरमाइश लम्बी हैं

ज़िन्दगी की जरूरतें समझिए वक्त कम है फरमाइश लम्बी हैं

ज़िन्दगी की जरूरतें समझिए वक्त कम है फरमाइश लम्बी हैं...
झूठ-सच, जीत-हार की बातें छोड़िये दास्तान बहुत लम्बी है...!!


Zindagee kee jarooraten samajhie vakt kam hai pharamaish lambee hain...
Jhooth-sach, jeet-haar kee baaten chhodiye daastaan bahut lambee hai...!!