ज़िन्दगी की जरूरतें समझिए वक्त कम है फरमाइश लम्बी हैं Admin / Jan 30, 2022 ज़िन्दगी की जरूरतें समझिए वक्त कम है फरमाइश लम्बी हैं ज़िन्दगी की जरूरतें समझिए वक्त कम है फरमाइश लम्बी हैं... झूठ-सच, जीत-हार की बातें छोड़िये दास्तान बहुत लम्बी है...!! Zindagee kee jarooraten samajhie vakt kam hai pharamaish lambee hain... Jhooth-sach, jeet-haar kee baaten chhodiye daastaan bahut lambee hai...!! Shayari Baatein Shayari Haar Shayari Hindi Shayari Jaroorat Shayari Waqt Shayari