ज़िन्दगी एक सुलगती सी चिता है साहिर

ज़िन्दगी एक सुलगती सी चिता है साहिर

ज़िन्दगी एक सुलगती सी चिता है “साहिर”
शोला बनती है ना ये बुझ के धुआँ होती है !!


Zindagi ek sulagti si chita hai “Sahir”
Shola banti hai na ye bujh ke dhuaa hoti hai