ज़माने के सवालों को मैं हँस के टाल दूँ फ़राज़

ज़माने के सवालों को मैं हँस के टाल दूँ फ़राज़

ज़माने के सवालों को मैं हँस के टाल दूँ फ़राज़
लेकिन नमी आखों की कहती है “मुझे तुम याद आते हो”


Zamaane ke savaalon ko main hans ke taal doon faraaz
Lekin namee aakhon kee kahatee hai “mujhe tum yaad aate ho”