जरा से देर के लिए चारपाई पे लेते थे फ़राज़

जरा से देर के लिए चारपाई पे लेते थे फ़राज़

जरा से देर के लिए चारपाई पे लेते थे फ़राज़,
मगर किसी उल्लू के पट्ठे ने जनाजा पढ़ दिया।


Jara Si Der Ke Liye Chaarpai Pe Lete The Faraz,
Magar Kisi Ullu Ke Patthe Ne Janaza Parh Diya.