जरा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती

जरा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती

जरा साहिल पे आकर वो थोड़ा मुस्कुरा देती,
भंवर घबरा के खुद मुझ को किनारे पर लगा देता,
वो ना आती मगर इतना तो कह देती कि आँऊगी,
सितारे, चाँद, सारा आसमान राहों में बिछा देता।


Jara Saahil Pe Aakar Woh Thoda Muskura Deti,
Bhanwar Ghabra Ke Khud MujhKo Kinare Par Laga Deta,
Woh Na Aati Magar Itna Toh Keh Deti Ke Aaungi,
Sitare, Chaand, Sara Aasmaan Raahon Mein Bichha Deta.