जरा सा हट के चलता हूँ ज़माने की रिवायत से Admin / Sep 11, 2021 जरा सा हट के चलता हूँ ज़माने की रिवायत से जरा सा हट के चलता हूँ ज़माने की रिवायत से, कि जिन पे बोझ डाला हो, वो कंधे याद रखता हूँ। Jara Sa Hat Ke Chalta Hoon Zamane Ki Riwayat Se, Ke Jinpe Bojh Dala Ho Woh Kandhe Yaad Rakhta Hoon. Shayari Attitude Shayari