जब्त कहता है कि खामोशी से बसर हो जाये

जब्त कहता है कि खामोशी से बसर हो जाये

जब्त कहता है कि खामोशी से बसर हो जाये,
दर्द की जिद है कि दुनिया को खबर हो जाये।


Jabt Kehta Hai Ke Khamoshi Se Basar Ho Jaye,
Dard Ki Zid Hai Ke Duniya Ko Khabar Ho Jaye.