जब भी सुलझाना चाहा ज़िंदगी के सवालों को मैंने Admin / Jul 22, 2021 जब भी सुलझाना चाहा ज़िंदगी के सवालों को मैंने जब भी सुलझाना चाहा ज़िंदगी के सवालों को मैंने, हर एक सवाल में जिंदगी मेरी उलझती चली गई। Jab Bhi Suljhana Chaha Zindagi Ke Sawalon Ko Maine, Har EK Sawal Mein Zindagi Meri Ulajhti Chali Gayi. Shayari Meri Shayari Zindagi Shayari