जब नहीं तुमको यक़ीं तो अपना समझते क्यूँ हो

जब नहीं तुमको यक़ीं तो अपना समझते क्यूँ हो

जब नहीं तुमको यक़ीं तो अपना समझते क्यूँ हो,
रिश्ता रखते हो तो फिर रोज़ परखते क्यूँ हो...!!!


Jab nahin tumako yaqeen to apana samajhate kyoon ho,
Rishta rakhate ho to phir roz parakhate kyoon ho...!!!