छत टपकती हैं उसके कच्चे मकान की

छत टपकती हैं उसके कच्चे मकान की

छत टपकती हैं उसके कच्चे मकान की,
फिर भी “बारिश” हो जाये, तमन्ना हैं किसान की.


Chhat tapakatee hain usake kachche makaan kee,
Phir bhee “baarish” ho jaaye, tamanna hain kisaan kee.