चाय के कप से उठते धुए में तेरी सकल नजर आती है

चाय के कप से उठते धुए में तेरी सकल नजर आती है

चाय के कप से उठते धुए में तेरी सकल नजर आती है

अर्ज किया है,
चाय के कप से उठते धुए में तेरी सकल नजर आती है,
ऐसे खो जाते है तेरे खयालों में कि,
अकसर मेरी चाय ठंडी हो जाती है…


Arj kiya hai,
Chaay ke kap se uthate dhue mein teree sakal najar aatee hai,
Aise kho jaate hai tere khayaalon mein ki,
Akasar meree chaay thandee ho jaatee hai…