चलते फिरते हुए महताब दिखाएँगे तुम्हें, Admin / Jan 31, 2022 चलते फिरते हुए महताब दिखाएँगे तुम्हें, चलते फिरते हुए महताब दिखाएँगे तुम्हें, हमसे मिलना कभी ‘इलाहबाद’ दिखायेंगे तुम्हें. Chalate phirate hue mahataab dikhaenge tumhen, Hamase milana kabhee ‘ilaahabaad’ dikhaayenge tumhen. Shayari Allahabad Shayari