चढ़ता है नज़रो में शख्स तो बस अपने किरदार से

चढ़ता है नज़रो में शख्स तो बस अपने किरदार से

चढ़ता है नज़रो में शख्स तो बस अपने किरदार से,
यूँ ही किसी इंसा की इज़्जत नहीं होती...


Chadhata hai nazaro mein shakhs to bas apane kiradaar se,
Yoon hee kisee insa kee izjat nahin hotee...