ख्वाहिश तो ना थी किसी से दिल लगाने की

ख्वाहिश तो ना थी किसी से दिल लगाने की

ख्वाहिश तो ना थी किसी से दिल लगाने की...
पर किस्मत में दर्द लिखा है तो मोहब्बत कैसे ना होती...


Khvaahish to na thee kisee se dil lagaane kee...
Par kismat mein dard likha hai to mohabbat kaise na hotee...