खिजां में तो फख्त पत्ते ही गिरते हैं

खिजां में तो फख्त पत्ते ही गिरते हैं

खिजां में तो फख्त पत्ते ही गिरते हैं
नजरों से गिरने का कोई मौसम नही होता


Khijaan mein to phakht patte hee girate hain
Najaron se girane ka koee mausam nahee hota