क्यों न सज़ा मिलती हमें मोहब्बत में

क्यों न सज़ा मिलती हमें मोहब्बत में

क्यों न सज़ा मिलती हमें मोहब्बत में,
आख़िर हमने भी बहोत दिल तोड़े थे उस शख्स की ख़ातिर...


Kyon na saza milatee hamen mohabbat mein,
Aakhir hamane bhee bahot dil tode the us shakhs kee khaatir...