क्या खूब फ़रमाया है गांडुचार्य ने

क्या खूब फ़रमाया है गांडुचार्य ने

क्या खूब फ़रमाया है गांडुचार्य ने......
"सपना" को सपने मे पेलकर "स्वपनदोष" हो गया !
"सपना" की भी बच गई और हमे भी "संतोष" हो गया !!


Kya khoob farmaya hai Ganducharay ne...
"Sapna" ko sapne me pelkar "Swapandosh" ho gya
"Sapna" ki bhi bach gayi aur hume bhi "santosh" ho gya