कोशिश बहुत की के राज-ए-मोहब्बत बयां न हो,

कोशिश बहुत की के राज-ए-मोहब्बत बयां न हो,

कोशिश बहुत की के राज-ए-मोहब्बत बयां न हो,
पर मुमकिन कहां है के आग लगे और धुंआ न हो..!!


Koshish bahut kee ke raaj-e-mohabbat bayaan na ho,
Par mumakin kahaan hai ke aag lage aur dhuna na ho..!!