कोई ताबीज़ ऐसा दो कि मैं चालाक हो जाऊं Mohit / Jan 31, 2022 कोई ताबीज़ ऐसा दो कि मैं चालाक हो जाऊं कोई ताबीज़ ऐसा दो कि मैं चालाक हो जाऊं, बहुत नुकसान देती है मुझे ये सादगी मेरी। Koee taabeez aisa do ki main chaalaak ho jaoon, Bahut nukasaan detee hai mujhe ye saadagee meree. Shayari 2 Line Shayari Meri Shayari Sadagi Shayari