कैसा गढ़ा था देवता, जो मानव भी न हो पाया

कैसा गढ़ा था देवता, जो मानव भी न हो पाया

कैसा गढ़ा था देवता, जो मानव भी न हो पाया
उन लफ्जों को कर वापस कि दिल्ली सिंगापुर, शंघाई न हो पाया।


Kaisa gadha tha devata, jo maanav bhee na ho paaya
Un laphjon ko kar vaapas ki dillee singaapur, shanghaee na ho paaya.