किसी के काम न जो आए वह आदमी क्या है

किसी के काम न जो आए वह आदमी क्या है

किसी के काम न जो आए वह आदमी क्या है,
जो अपनी ही फिक्र में गुजरे, वह जिन्दगी क्या है।


Kisee ke kaam na jo aae vah aadamee kya hai,
Jo apanee hee phikr mein gujare, vah jindagee kya hai.