किसान खुल के हँस तो रहा हैं फ़क़ीर होते हुए

किसान खुल के हँस तो रहा हैं फ़क़ीर होते हुए

किसान खुल के हँस तो रहा हैं फ़क़ीर होते हुए,
नेता मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुए.


Kisaan khul ke hans to raha hain faqeer hote hue,
Neta muskura bhee na paaya ameer hote hue.