किताब ए दिल का कोई भी पन्ना सादा नहीं होता

किताब ए दिल का कोई भी पन्ना सादा नहीं होता

किताब -ए -दिल का कोई भी पन्ना सादा नहीं होता
निगाह उस को भी पढ़ लेती है, जो लिखा नही होता !!


Kitaab -e -dil ka koee bhee panna saada nahin hota
Nigaah us ko bhee padh letee hai, jo likha nahee hota !!