कितने क़सीदे गढ़े थे तारीफ़ में तेरी

कितने क़सीदे गढ़े थे तारीफ़ में तेरी

कितने क़सीदे गढ़े थे तारीफ़ में तेरी

कितने क़सीदे गढ़े थे तारीफ़ में तेरी,
कमबख्त इस बारिश में सब धूल गए।


Kitane qaseede gadhe the taareef mein teree,
Kamabakht is baarish mein sab dhool gae.