कितनी भी हिफाज़त करूँ छलक ही

कितनी भी हिफाज़त करूँ छलक ही

कितनी भी हिफाज़त करूँ छलक ही...
जाता है पैमाना-ए-दिल मेरा...
दिल है छोटा सा मगर...
जज़्बात-ओ-एहसास का इसमें है समंदर...!!


Kitanee bhee hiphaazat karoon chhalak hee...
Jaata hai paimaana-e-dil mera...
Dil hai chhota sa magar...
Jazbaat-o-ehasaas ka isamen hai samandar...!!