कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी

कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी

कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी...
हज़ारों अपने हैं मगर, याद तुम ही आते हो...!!


Kitanee ajeeb hai mere andar kee tanhaee bhee...
Hazaaron apane hain magar, yaad tum hee aate ho...!!