काश की लम्हे भर के लिये रुक जाये ज़मी की गर्दिशे

काश की लम्हे भर के लिये रुक जाये ज़मी की गर्दिशे

काश की लम्हे भर के लिये रुक जाये ज़मी की गर्दिशे

काश की लम्हे भर के लिये रुक जाये ज़मी की गर्दिशे,
और कोई आवाज ना हो तेरी धड़कने के सिवा,,,


Kaash kee lamhe bhar ke liye ruk jaaye zamee kee gardishe,
Aur koee aavaaj na ho teree dhadakane ke siva,,,