करना ही तंज़ है तो हँसने का क्या तकल्लुफ

करना ही तंज़ है तो हँसने का क्या तकल्लुफ

करना ही तंज़ है तो हँसने का क्या तकल्लुफ,
क्यूँ ज़हर दे रहे हो मोहब्बत मिला मिला कर।


Karna Hi Tanz Hai Toh Hansne Ka Kya Takalluf,
Kyun Zeher De Rahe Ho Mohabbat Mila Mila Kar.