कब मिल जाए किसी को मंज़िल ये मालूम नहीं

कब मिल जाए किसी को मंज़िल ये मालूम नहीं

कब मिल जाए किसी को मंज़िल ये मालूम नहीं

कब मिल जाए किसी को मंज़िल ये मालूम नहीं,
इंसान के चेहरे पे उसका नसीब लिखा नहीं होता..


Kab mil jae kisee ko manzil ye maaloom nahin,
Insaan ke chehare pe usaka naseeb likha nahin hota..