और ज्यादा भड़काते हो तुम तो आग मोहब्बत की

और ज्यादा भड़काते हो तुम तो आग मोहब्बत की

और ज्यादा भड़काते हो तुम तो आग मोहब्बत की,
साजिश-ए-दिल को ऐ अश्को, क्या ख़ाक बुझाना सीखे हो।


Aur Jyada Bhadkate Ho Tum To Aag Mohabbat Ki,
Saajish-E-Dil Ko Ai Ashqo, Kya Khaak Bujhana Seekhe Ho.