और क्या इस से ज़ियादा कोई नरमी बरते

और क्या इस से ज़ियादा कोई नरमी बरते

और क्या इस से ज़ियादा कोई नरमी बरते
दिल के ज़ख़्मों को छुआ है तिरे गालों की तरह !!


Aur kya is se jiyaada koi narmi barte
Dil ke zakhmnon ko chhua hai tire gaalon ki tarah