एहसास ना रहे तो रिश्तों को उतार देना बेहतर

एहसास ना रहे तो रिश्तों को उतार देना बेहतर

एहसास ना रहे तो रिश्तों को उतार देना बेहतर

एहसास ना रहे तो रिश्तों को उतार देना बेहतर...
ताल्लुक़, तकल्लुफ़ बन जाए तो बोझ लगता है...!!


Ehasaas na rahe to rishton ko utaar dena behatar...
Taalluq, takalluf ban jae to bojh lagata hai...!!