एकांत को पिघला कर उसमें व्यस्त रहता हूँ Admin / Jan 31, 2022 एकांत को पिघला कर उसमें व्यस्त रहता हूँ एकांत को पिघला कर उसमें व्यस्त रहता हूँ... इन्सान हूँ मुरझा कर भी मस्त रहता हूँ.... Ekaant ko pighala kar usamen vyast rahata hoon... Insaan hoon murajha kar bhee mast rahata hoon.... Shayari 2 Line Shayari Mast Shayari Pighal Shayari Vyast Shayari