एकांत को पिघला कर उसमें व्यस्त रहता हूँ

एकांत को पिघला कर उसमें व्यस्त रहता हूँ

एकांत को पिघला कर उसमें व्यस्त रहता हूँ...
इन्सान हूँ मुरझा कर भी मस्त रहता हूँ....


Ekaant ko pighala kar usamen vyast rahata hoon...
Insaan hoon murajha kar bhee mast rahata hoon....