एक मैं हूँ कि समझ नहीं सका खुद को आज तक

एक मैं हूँ कि समझ नहीं सका खुद को आज तक

एक मैं हूँ कि समझ नहीं सका खुद को आज तक

एक मैं हूँ कि समझ नहीं सका खुद को आज तक,
दुनियाँ है कि न जाने मुझे क्या-क्या समझ लेती हैं।


Ek main hoon ki samajh nahin saka khud ko aaj tak,
Duniyaan hai ki na jaane mujhe kya-kya samajh letee hain.