एक मैं हूँ कि समझ नहीं सका खुद को आज तक Mohit / Jan 31, 2022 एक मैं हूँ कि समझ नहीं सका खुद को आज तक एक मैं हूँ कि समझ नहीं सका खुद को आज तक, दुनियाँ है कि न जाने मुझे क्या-क्या समझ लेती हैं। Ek main hoon ki samajh nahin saka khud ko aaj tak, Duniyaan hai ki na jaane mujhe kya-kya samajh letee hain. Shayari Duniya Shayari Hindi Shayari Khud Shayari