एक धुंधली सी याद आज भी रंग बिरंगी है उन गलियों में

एक धुंधली सी याद आज भी रंग बिरंगी है उन गलियों में

एक धुंधली सी याद आज भी रंग-बिरंगी है उन गलियों में
जहाँ पर होली के दिन मैंने तुम्हें दौड़ाकर गुलाल लगाया था !!


Ek dhundhalee see yaad aaj bhee rang-birangee hai un galiyon mein
Jahaan par holee ke din mainne tumhen daudaakar gulaal lagaaya tha !!