एक दर्द छुपा हो सीने में तो मुस्कान अधूरी लगती है

एक दर्द छुपा हो सीने में तो मुस्कान अधूरी लगती है

एक दर्द छुपा हो सीने में तो मुस्कान अधूरी लगती है

एक दर्द छुपा हो सीने में तो मुस्कान अधूरी लगती है,
जाने क्यों बिन तेरे मुझको हर शाम अधूरी लगती है...!


Ek dard chhupa ho seene mein to muskaan adhooree lagatee hai,
Jaane kyon bin tere mujhako har shaam adhooree lagatee hai...!