उसी को हम जहाँ में रहरवे-कामिल समझते हैं Admin / Aug 03, 2021 उसी को हम जहाँ में रहरवे-कामिल समझते हैं उसी को हम जहाँ में रहरवे-कामिल समझते हैं, जो हस्ती को सफर और कब्र को मंजिल समझते हैं। Usee Ko Hum Jahaan Mein RahRave-Kamil Samjhte Hain, Jo Hasti Ko Safar Aur Qabr Ko Manzil Samjhte Hain. Shayari Hasti Shayari Inspirational Shayari Kaam Shayari