उल्फ़त के मारों से ना पूछों आलम इंतज़ार का

उल्फ़त के मारों से ना पूछों आलम इंतज़ार का

उल्फ़त के मारों से ना पूछों आलम इंतज़ार का..
पतझड़ सी है ज़िन्दगी और ख्याल है बहारो का।


Ulfat ke maaron se na poochhon aalam intazaar ka..
Patajhad see hai zindagee aur khyaal hai bahaaro ka.